Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 May 2023 · 2 min read

#सत्यकथा

#सत्यकथा
■ इशारों इशारों में …
【प्रणय प्रभात】
रात लगभग 9.00 बजे चिड़िया की चूं-चूं सुन कर मेरे कान खड़े हो गए। इतनी रात को चिड़िया की आवाज़ कैसे…? इस सवाल के साथ ही चिंता चिड़िया की सुरक्षा को लेकर भी थी। जिसकी वजह तेज़ गति में चलता सीलिंग फेन था।
मैं तुरंत उठ कर बाहर गया तो ओपन किचन में मौजूद श्रीमती जी ने इस राज़ पर से पर्दा हटाया। तब कहीं जाकर पता चला कि चिड़िया रानी के घोंसले के नीचे एक अतिरिक्त एलईडी बल्ब लगा हुआ है। जिसकी वजह से उसकी व नवजात चूजों की नींद में ख़लल पड़ता है शायद।
इसीलिए रात 9.00 बजते ही उसके सब्र का बांध टूट जाता है। वो घोंसले से निकल कर नीचे किचन या पूजा घर मे मौजूद श्रीमती जी के पास पहुंच जाती है। चूं-चूं का मरलब होता है लाइट बन्द करो। मज़े की बात ये है कि हाथ स्विच बोर्ड की ओर जाते ही चिड़िया तत्काल अपने घोंसले में पहुंच जाती है। जिसकी आवाज़ अगली सुबह ही सुनाई देती है।
पता चलता है कि हमारी जीवनचर्या का प्रभाव मासूम जीवों पर भी पड़ता है। बहरहाल एक मासूम जीव के संवाद सम्प्रेषण का ये दिलचस्प वाकया जारी है। कोशिश रहती है कि वो बल्ब समय से ऑफ़ हो जाए। मगर प्रायः ऐसा संभव नहीं हो पाता। जिसकी वजह पूजन, भोजन का क्रम देर रात तक चलना है। जीव-जंतु हमें हमारी इस अस्त-व्यस्त जीवन-शैली और दिनचर्या से अवगत कराते हैं। बशर्ते हम उनके संकेतों को समझ सकें। थोड़ी सी समझ व संवेदना के साथ।।
●संपादक●
न्यूज़ & व्यूज़
श्योपुर (मध्यप्रदेश)
😊😊😢😊😊😢😊😢😢

1 Like · 389 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हमने भी मौहब्बत में इन्तेक़ाम देखें हैं ।
हमने भी मौहब्बत में इन्तेक़ाम देखें हैं ।
Phool gufran
You never come
You never come
VINOD CHAUHAN
बड़ी ही शुभ घड़ी आयी, अवध के भाग जागे हैं।
बड़ी ही शुभ घड़ी आयी, अवध के भाग जागे हैं।
डॉ.सीमा अग्रवाल
जाने वाले का शुक्रिया, आने वाले को सलाम।
जाने वाले का शुक्रिया, आने वाले को सलाम।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
होठों की हँसी देख ली,
होठों की हँसी देख ली,
TAMANNA BILASPURI
इंतजार युग बीत रहा
इंतजार युग बीत रहा
Sandeep Pande
रंगीला संवरिया
रंगीला संवरिया
Arvina
बड़ा भोला बड़ा सज्जन हूँ दीवाना मगर ऐसा
बड़ा भोला बड़ा सज्जन हूँ दीवाना मगर ऐसा
आर.एस. 'प्रीतम'
4845.*पूर्णिका*
4845.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"बिछुड़ गए तो"
Dr. Kishan tandon kranti
प्यार में लेकिन मैं पागल भी नहीं हूं - संदीप ठाकुर
प्यार में लेकिन मैं पागल भी नहीं हूं - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
शोर है दिल में कई
शोर है दिल में कई
Mamta Rani
प्रभु -कृपा
प्रभु -कृपा
Dr. Upasana Pandey
तुमने मुड़ कर ही बस नहीं देखा।
तुमने मुड़ कर ही बस नहीं देखा।
Dr fauzia Naseem shad
*सुख-दुख में जीवन-भर साथी, कहलाते पति-पत्नी हैं【हिंदी गजल/गी
*सुख-दुख में जीवन-भर साथी, कहलाते पति-पत्नी हैं【हिंदी गजल/गी
Ravi Prakash
..
..
*प्रणय*
भाई बहिन के त्यौहार का प्रतीक है भाईदूज
भाई बहिन के त्यौहार का प्रतीक है भाईदूज
gurudeenverma198
लौटेगी ना फिर कभी,
लौटेगी ना फिर कभी,
sushil sarna
सर सरिता सागर
सर सरिता सागर
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
नियत और सोच अच्छा होना चाहिए
नियत और सोच अच्छा होना चाहिए
Ranjeet kumar patre
“जब से विराजे श्रीराम,
“जब से विराजे श्रीराम,
Dr. Vaishali Verma
भी जीत का हकदार हैं.
भी जीत का हकदार हैं.
पूर्वार्थ
अगर ख़ुदा बनते पत्थर को तराश के
अगर ख़ुदा बनते पत्थर को तराश के
Meenakshi Masoom
मुफ़्तखोरी
मुफ़्तखोरी
SURYA PRAKASH SHARMA
बंदूक के ट्रिगर पर नियंत्रण रखने से पहले अपने मस्तिष्क पर नि
बंदूक के ट्रिगर पर नियंत्रण रखने से पहले अपने मस्तिष्क पर नि
Rj Anand Prajapati
Haiku
Haiku
Otteri Selvakumar
Grandma's madhu
Grandma's madhu
Mr. Bindesh Jha
क्या ईसा भारत आये थे?
क्या ईसा भारत आये थे?
कवि रमेशराज
मुझसे बुरा इंसान कोई नहीं
मुझसे बुरा इंसान कोई नहीं
Sonam Puneet Dubey
अपना दर्द छिपाने को
अपना दर्द छिपाने को
Suryakant Dwivedi
Loading...