सड़क के लोग
जो जब्र और
ज़ुल्म का मारा है!
रिआया है!
सर्वहारा है!!
उसी नंगे और
भूखे मखलूक का
सुख-दुख में
हमें सहारा है!!
अदालत भले ही
तुम्हारी हो गई हो!
लेकिन सड़क
अभी तक हमारा है!
Shekhar Chandra Mitra
जो जब्र और
ज़ुल्म का मारा है!
रिआया है!
सर्वहारा है!!
उसी नंगे और
भूखे मखलूक का
सुख-दुख में
हमें सहारा है!!
अदालत भले ही
तुम्हारी हो गई हो!
लेकिन सड़क
अभी तक हमारा है!
Shekhar Chandra Mitra