सजल मेरे नैन हुए
********* सजल मेरे नैन हुए **********
**********************************
रिक्त हृदय को भर दिया सजल मेंरे नैन हुए,
आतुर मन व्याकुल है मिलने को बेचैन हुए।
बातों में गजब का जादू है रसभरी तेरी बातें,
बातें सुनकर मीठी मीठी दिन जैसे हैं रैन हुए।
रातों को उठ उठ कर रोते रहते नादान प्रिय,
तेरी यादों के बरसते मेघों से भीगे हैं नैन हुए।
मन विरह में पागल सा दिल हैं खाली खाली,
तन बदन में आग लगी भाव सारे हैं बैन हुए।
रात चाँदनी करता हो जग में चाँद जैसे तैसे,
तेरे चेहरे के नूर जीवन मे रोशन अरमान हुए।
मनसीरत जुदा होकर तुमसे रहे आहें भरता,
तुझ से न मिल जाने पर यूँ ही परेशान हुए।
**********************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)