“सच्ची मोहब्बत के बगैर”
“सच्ची मोहब्बत के बगैर”
सच्ची मोहब्बत के बगैर
देह के जरिये
रूहानी सफर अधूरा है,
रूह से रूह का मिलन ही
सच्चा और पूरा है।
“सच्ची मोहब्बत के बगैर”
सच्ची मोहब्बत के बगैर
देह के जरिये
रूहानी सफर अधूरा है,
रूह से रूह का मिलन ही
सच्चा और पूरा है।