सच्ची प्रीत
सच्ची प्रीत
प्रीत की रीत पुरानी
हार पर जीत सयानी
मिलन-वियोग की कहानी
दुनिया ने है बखानी।
मिलन का जो होता आनन्द
वियोग बिना न पहचानी।
रास में अनुभूत परमानन्द,
संजोए कृष्ण विरह में राधारानी ।
हृदय हारकर सर्वस्व समर्पण,
यही सच्ची प्रीत की निशानी।
प्रियतम जब बन जाता दर्पण,
उसमें समाती मीरा दिवानी ।
– डॉ० उपासना पाण्डेय