#सच्ची पूजा आत्मा की (#हरिगीतिका)
ईश्वर के पूजन से पहले,
अमर आत्मा पूजिए।
बिन माँगे सही दिशा देगी,
और क्या फिर चाहिए।।
पत्थर में हरि नहीं मिलेगा,
भ्रमित मन ना कीजिए।
आत्मा हरि का अंश सत्य है,
सत्य का रस पीजिए।।
संकेत सभी को देती है,
दंभ में सुनते नहीं।
यश वैभव पाने की खातिर,
दोष भी गिनते नहीं।।
करो तलाश खुदी की पहले,
सीख इतनी लीजिए।
देवालय मानव के अंदर,
मूर्ख बाहर खोजिए।
सदियों से समझाते ज्ञानी,
मूढ़ हम समझे नहीं।
सुनी सुनाई पर गुनी नहीं,
भूल ये होती रही।।
नानक रैदास कबीर वचन,
आज भी सच समझिए।
अनुसरण किए धैर्य मिलेगा,
धैर्य से मन जीतिए।।
-आर.एस.’प्रीतम’