सच्चा आनंद
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जीवन की आपाथापी में कहां कोई स्वछंद है,
कौन दुखों से दुखी नहीं यहां सबका जीवन जंग है।
सुख दुख दोनों बहुत जरूरी यही निखारे जीवन को,
बस कर्म करो निर्मोही होकर सच्चा वही आनंद है।
✍️ दशरथ रांकावत ‘शक्ति’
जीवन की आपाथापी में कहां कोई स्वछंद है,
कौन दुखों से दुखी नहीं यहां सबका जीवन जंग है।
सुख दुख दोनों बहुत जरूरी यही निखारे जीवन को,
बस कर्म करो निर्मोही होकर सच्चा वही आनंद है।
✍️ दशरथ रांकावत ‘शक्ति’