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2 Nov 2022 · 1 min read

सच्चा आनंद

जीवन की आपाथापी में कहां कोई स्वछंद है,
कौन दुखों से दुखी नहीं यहां सबका जीवन जंग है।
सुख दुख दोनों बहुत जरूरी यही निखारे जीवन को,
बस कर्म करो निर्मोही होकर सच्चा वही आनंद है।
✍️ दशरथ रांकावत ‘शक्ति’

2 Likes · 4 Comments · 397 Views

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