Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Feb 2024 · 1 min read

“सचमुच”

“सचमुच”
सचमुच दुनिया में होती नहीं
प्यार की कोई भाषा,
ना ही गढ़ी जा सकती कभी
प्रेम की कोई परिभाषा.

4 Likes · 3 Comments · 167 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
लिखते हैं कई बार
लिखते हैं कई बार
Shweta Soni
"कभी मेरा ज़िक्र छीड़े"
Lohit Tamta
आज अचानक आये थे
आज अचानक आये थे
Jitendra kumar
"रचती सुन्दर सृष्टि"
Dr. Kishan tandon kranti
मतिभ्रष्ट
मतिभ्रष्ट
Shyam Sundar Subramanian
जागो, जगाओ नहीं
जागो, जगाओ नहीं
Sanjay ' शून्य'
सम्बन्ध
सम्बन्ध
Shaily
* भैया दूज *
* भैया दूज *
surenderpal vaidya
आज़ादी की जंग में कूदी नारीशक्ति
आज़ादी की जंग में कूदी नारीशक्ति
कवि रमेशराज
बुंदेली दोहा - सुड़ी
बुंदेली दोहा - सुड़ी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मैं उसे पसन्द करता हूं तो जरुरी नहीं कि वो भी मुझे पसन्द करे
मैं उसे पसन्द करता हूं तो जरुरी नहीं कि वो भी मुझे पसन्द करे
Keshav kishor Kumar
सन्तानों  ने  दर्द   के , लगा   दिए    पैबंद ।
सन्तानों ने दर्द के , लगा दिए पैबंद ।
sushil sarna
तमाम उम्र काट दी है।
तमाम उम्र काट दी है।
Taj Mohammad
सच्चाई सब जानते, बोलें फिर भी झूठ।
सच्चाई सब जानते, बोलें फिर भी झूठ।
डॉ.सीमा अग्रवाल
నా గ్రామం..
నా గ్రామం..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
*पहले वाले  मन में हैँ ख़्यालात नहीं*
*पहले वाले मन में हैँ ख़्यालात नहीं*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
... बीते लम्हे
... बीते लम्हे
Naushaba Suriya
Aaj kal ke log bhi wafayen kya khoob karte h
Aaj kal ke log bhi wafayen kya khoob karte h
HEBA
और मौन कहीं खो जाता है
और मौन कहीं खो जाता है
Atul "Krishn"
विशाल अजगर बनकर
विशाल अजगर बनकर
Shravan singh
उनको मंजिल कहाँ नसीब
उनको मंजिल कहाँ नसीब
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
महिलाएं जितना तेजी से रो सकती है उतना ही तेजी से अपने भावनाओ
महिलाएं जितना तेजी से रो सकती है उतना ही तेजी से अपने भावनाओ
Rj Anand Prajapati
👌तेवरी👌
👌तेवरी👌
*प्रणय*
मित्र होना चाहिए
मित्र होना चाहिए
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
*अगर तुम फरवरी में जो चले आते तो अच्छा था (मुक्तक)*
*अगर तुम फरवरी में जो चले आते तो अच्छा था (मुक्तक)*
Ravi Prakash
गांव गलियां मुस्कुराएं,
गांव गलियां मुस्कुराएं,
TAMANNA BILASPURI
🌸अनसुनी 🌸
🌸अनसुनी 🌸
Mahima shukla
3606.💐 *पूर्णिका* 💐
3606.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
कांच के जैसे टूट जाते हैं रिश्ते,
कांच के जैसे टूट जाते हैं रिश्ते,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तकलीफ इस बात की नहीं है की हम मर जायेंगे तकलीफ इस बात है की
तकलीफ इस बात की नहीं है की हम मर जायेंगे तकलीफ इस बात है की
Ranjeet kumar patre
Loading...