Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Feb 2024 · 1 min read

सख्त लगता है

वो बूढ़ा है बहुत नाजुक फिर भी सख्त लगता है
पराये घर को अपनाने में काफी वक़्त लगता है।

जिसे देखो वही मेरी मोहब्बत पे नजर रखता है
लबों से मुस्कुराता दिल नजर से पस्त लगता है।

मुझे मेरी कहानी से कोई शिकवा नही लेकिन
जलाकर तू मेरे घर को बड़ा मदमस्त लगता है।

आज पैगाम क्या आया रूह ने जिस्म को तोड़ा
तेरे बेटे का है जो कल बहा है रक्त लगता है।

पहले से मुकर्रर है वक़्ते महफ़िल जमाने की
तेरा आना ही मुझे अक्सर बड़ा बेवक्त लगता है।

न वो मेरा है न होने की कोई उम्मीद है बाकी
फिर भी दिल मेरा उसके घर मे जब्त लगता है।

-देवेंद्र प्रताप वर्मा ‘विनीत’

Language: Hindi
76 Views
Books from देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
View all

You may also like these posts

घुटन
घुटन
Preksha mehta
बह्र - 1222-1222-122 मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन फ़ऊलुन काफ़िया - आ रदीफ़ -है।
बह्र - 1222-1222-122 मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन फ़ऊलुन काफ़िया - आ रदीफ़ -है।
Neelam Sharma
3757.💐 *पूर्णिका* 💐
3757.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*नमन गुरुवर की छाया (कुंडलिया)*
*नमन गुरुवर की छाया (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
sp 52 जो ब्रह्म कमंडल से निकली
sp 52 जो ब्रह्म कमंडल से निकली
Manoj Shrivastava
बेवजह ख़्वाहिशों की इत्तिला मे गुज़र जाएगी,
बेवजह ख़्वाहिशों की इत्तिला मे गुज़र जाएगी,
शेखर सिंह
दुनिया का सबसे बड़ा पुण्य का काम किसी के चेहरे पर मुस्कान ला
दुनिया का सबसे बड़ा पुण्य का काम किसी के चेहरे पर मुस्कान ला
Rj Anand Prajapati
मेरे दुःख -
मेरे दुःख -
पूर्वार्थ
कभी कभी
कभी कभी
Sûrëkhâ
वो रंगीन स्याही भी बेरंग सी नज़र आयेगी,
वो रंगीन स्याही भी बेरंग सी नज़र आयेगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नाहक ही ख्वाब में जी कर क्या करेंगे ,
नाहक ही ख्वाब में जी कर क्या करेंगे ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
ले चल पार
ले चल पार
Sarla Mehta
संन्यास से त्याग तक
संन्यास से त्याग तक
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
#मीठा फल
#मीठा फल
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
#हिरोशिमा_दिवस_आज
#हिरोशिमा_दिवस_आज
*प्रणय*
मुक्तक
मुक्तक
sushil sarna
मुफ्त का ज्ञान
मुफ्त का ज्ञान
Sudhir srivastava
बांटेगा मुस्कान
बांटेगा मुस्कान
RAMESH SHARMA
मैं बहुत कुछ जानता हूँ
मैं बहुत कुछ जानता हूँ
Arun Prasad
ग़ज़ल (सिर्फ़ मरते हैं)
ग़ज़ल (सिर्फ़ मरते हैं)
SURYA PRAKASH SHARMA
"याद रखें"
Dr. Kishan tandon kranti
निस दिवस मां नाम रटूं, धर हिवड़े में ध्यांन।
निस दिवस मां नाम रटूं, धर हिवड़े में ध्यांन।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
इच्छा कभी खत्म नहीं होने वाला जो व्यक्ति यह जान लिए वह अब मो
इच्छा कभी खत्म नहीं होने वाला जो व्यक्ति यह जान लिए वह अब मो
Ravikesh Jha
*विधा:  दोहा
*विधा: दोहा
seema sharma
नज़र
नज़र
Shakuntla Shaku
#अज्ञानी_की_कलम
#अज्ञानी_की_कलम
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
जीवन यात्रा
जीवन यात्रा
विजय कुमार अग्रवाल
ग्रुप एडमिन की परीक्षा प्रारंभ होने वाली है (प्रधानाचार्य इस
ग्रुप एडमिन की परीक्षा प्रारंभ होने वाली है (प्रधानाचार्य इस
Ashwini sharma
वो जो हूबहू मेरा अक्स है
वो जो हूबहू मेरा अक्स है
Shweta Soni
Loading...