संवेदनशील हुए बिना
बहुत आवश्यक है
, संवेदना का होना
कवि होने के लिए,
,संवेदना विहीन कवि
फूलों पर लिख सकता है
फूलों पर बैठी हुई
तितली पर नहीं लिख सकता,
पानी पर लिख सकताहै
पत्तों पर अटकी हुई ओस की बूंदों पर
नहीं लिख सकता
आकाश पर
लिख सकता है
आकाश में उग आए
बादलों की खेती पर नहीं लिख सकता
जीवन पर
लिख सकता है
जीवन की अनुभूतियों पर
नहीं लिख सकता
मृत्यु पर
लिख सकता है
मृत्यु से पसरे मन के सन्नाटे पर
नहीं लिख सकता
कवि…
लिख सकता है
आदि पर…अंत पर…
मगर
अनंत पर नहीं लिख सकता
संवेदनशील हुए बिना✍️✍️✍️