संविधान
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मैं भारत का संविधान
मैं सबसे कुछ बोल रहा हूँ……
चप्पा चप्पा कण कण में अपना रस घोल रहा हूँ…..
समानता भाईचारे प्रेम कानून की सीख दे रहा हूँ…….
न कोई मुझे छोटा लगे ,
न कोई बड़ा लगे,
मैं तो वो सार हूँ जो सबको एक सार लगे….
तोड़े मैंने तुम्हारे बंधन
जकड़न को तार तार किया,
खुली हवा में जीने का तुमको अधिकार दिया….
मैं हूँ एक संगम जिसको भीमराव ने तैयार किया…
तुम जागो खुद को पहचानो
खुद का मंच तैयार करो…
अभी भी बहके हो तुम
अभी भी पिछड़े हो तुम..
तोड़ दो तुम बहकावे का बंधन
छोड़ दो तुम गुलामी का बंधन….
मैं भारत का संविधान
मैं सबसे कुछ बोल रहा हूँ
मेरी बात को आत्मसार करो
खुद का उद्धार करो ।।
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जय भीम
जय संविधान
#दिVयाअम्बेDकर