Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Jun 2022 · 1 min read

संदेश

ओ चतुर कागा! हमारे गाँव जाना।
पुत्र का संदेश उस माँ को सुनाना।

मातु से कहना कि उसका सुत कुशल है।
याद वो करता उन्हें हर एक पल है।
छोड़ दीं अय्याशियाँ सब गाँव वाली,
नित्य-निज कर्तव्य पर रहता अटल है।
हो गया है अब लड़कपन से सयाना।
पुत्र का संदेश उस माँ को सुनाना।

व्यर्थ चिन्ता त्याग, माँ निज ध्यान रखना।
आ गया है श्रम मुझे दिन रात करना।
हो गया है बोध जिम्मेदारियों का,
अब न नालायक निकम्मा आप कहना।
अब नही करता हूं मैं कोई बहाना।
पुत्र का संदेश उस माँ को सुनाना।

कर्ज गिरवीं गाँठ से उद्धार होगा।
माँ तुम्हारे पास तेरा हार होगा।
विश्व की सारी खुशी कदमों में रख दूँ,
माँ हमारा स्वप्न तब साकार होगा।
लौटकर घर माँ हमें है जल्द आना।
पुत्र का संदेश उस माँ को सुनाना।

स्वरचित एवं मौलिक
अभिनव मिश्र अदम्य
शाहजहांपुर, उत्तरप्रदेश
पिन-242401

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 140 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Dear  Black cat 🐱
Dear Black cat 🐱
Otteri Selvakumar
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
छुड़ा नहीं सकती मुझसे दामन कभी तू
छुड़ा नहीं सकती मुझसे दामन कभी तू
gurudeenverma198
गर्मी आई
गर्मी आई
Manu Vashistha
Topic Wait never ends
Topic Wait never ends
DR ARUN KUMAR SHASTRI
एक कविता उनके लिए
एक कविता उनके लिए
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
#आज_का_आह्वान
#आज_का_आह्वान
*Author प्रणय प्रभात*
मौत का क्या भरोसा
मौत का क्या भरोसा
Ram Krishan Rastogi
चट्टानी अडान के आगे शत्रु भी झुक जाते हैं, हौसला बुलंद हो तो
चट्टानी अडान के आगे शत्रु भी झुक जाते हैं, हौसला बुलंद हो तो
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
फ़ितरत-ए-साँप
फ़ितरत-ए-साँप
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
तुम आशिक़ हो,, जाओ जाकर अपना इश्क़ संभालो ..
तुम आशिक़ हो,, जाओ जाकर अपना इश्क़ संभालो ..
पूर्वार्थ
"दोस्त-दोस्ती और पल"
Lohit Tamta
भटक ना जाना तुम।
भटक ना जाना तुम।
Taj Mohammad
मेरे पास तुम्हारी कोई निशानी-ए-तस्वीर नहीं है
मेरे पास तुम्हारी कोई निशानी-ए-तस्वीर नहीं है
शिव प्रताप लोधी
मतदान करो और देश गढ़ों!
मतदान करो और देश गढ़ों!
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
दोहा मुक्तक -*
दोहा मुक्तक -*
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
बृद्धाश्रम विचार गलत नहीं है, यदि संस्कृति और वंश को विकसित
बृद्धाश्रम विचार गलत नहीं है, यदि संस्कृति और वंश को विकसित
Sanjay ' शून्य'
संस्मरण:भगवान स्वरूप सक्सेना
संस्मरण:भगवान स्वरूप सक्सेना "मुसाफिर"
Ravi Prakash
रात का आलम था और ख़ामोशियों की गूंज थी
रात का आलम था और ख़ामोशियों की गूंज थी
N.ksahu0007@writer
"बिन स्याही के कलम "
Pushpraj Anant
23/119.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/119.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मेरा तेरा जो प्यार है किसको खबर है आज तक।
मेरा तेरा जो प्यार है किसको खबर है आज तक।
सत्य कुमार प्रेमी
किराये की कोख
किराये की कोख
Dr. Kishan tandon kranti
नारायणी
नारायणी
Dhriti Mishra
मंज़र
मंज़र
अखिलेश 'अखिल'
मन वैरागी हो गया
मन वैरागी हो गया
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
💐प्रेम कौतुक-94💐
💐प्रेम कौतुक-94💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
आपसा हम जो दिल
आपसा हम जो दिल
Dr fauzia Naseem shad
गुस्सा दिलाकर ,
गुस्सा दिलाकर ,
Umender kumar
हम उस महफिल में भी खामोश बैठते हैं,
हम उस महफिल में भी खामोश बैठते हैं,
शेखर सिंह
Loading...