संघर्ष से लड़ती
दर्द की इंतहा में हंसती
.. आंखों से बहुत कुछ कहती
साथ में है आशा की कश्ती
कुछ हंसती पर आंसू छुपाती
संघर्षों में फिर भी जीती
मन में नव संचार भरती
जिसे देख किरण है जगती
दिल में सदा लौ जलती
दीप आशा का बनती
मैं हर गम सहती
फिर भी पूरा जीवन जीती
हर पल को भरपूर जीती
लहरों से यूं तो लड़ती
संघर्षों का पर्याय बनती