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13 May 2024 · 1 min read

संकुचित नहीं है ध्येय मेरा

सागर की गहराई कितनी है ?
हिमालय की उंचाई कितनी है ?
कितना विशाल है आकाश का ये घेरा ?
मेरी कोई सिमा नही है
संकुचित नहीं है ध्येय मेरा

राह पर्वत से निकालूं
आसमान में घर बना लूं
चांद पर मैं चाहूं बसेरा
मेरी कोई अड़चन नहीं है
संकुचित नहीं है ध्येय मेरा

Language: Hindi
52 Views
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