संकट..
जो बचना जानता है वो ,
भले बच जाए झमेले से !
संकट भी टला करता है ?
कहीं..पलकें मूंद लेने से !
©सुस्मिता सिंह ‘काव्यमय’
जो बचना जानता है वो ,
भले बच जाए झमेले से !
संकट भी टला करता है ?
कहीं..पलकें मूंद लेने से !
©सुस्मिता सिंह ‘काव्यमय’