श्रेय एवं प्रेय मार्ग
कठोपनिषद में मानव को, दो मार्गों का वर्णन है
श्रेय एवं प्रेय मार्ग,किसका अनुसरण करना है
श्रेय मतलब श्रेष्ठ मार्ग, आत्मिक उत्थान का मार्ग है
प्रेय मतलब भोग, इंद्रियगत विषयों का मार्ग है
श्रेय आध्यात्मिकता परमार्थ चिंतन, सत्य विद्या का नाम है
ज्ञानेंद्रियों करमेन्द़ियों को अंतर्मुखी, करने का काम है
आत्मा और परमात्मा मिलन का, एक सच्चा पैगाम है
श्रेय मार्ग आनंद मार्ग है,प़भु से मिलन कराता है
मनुष्य जन्म की सार्थकता, अज्ञान को दूर भगाता है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी