श्री राम एक मंत्र है श्री राम आज श्लोक हैं
श्री राम आयेंगे इस सुंदर संकल्प,पावन दिवस पर लिखने के लिए लेखनी भी आतुर है,धन्य भाग जो आज इस सशक्त सनातनी युग के नव निर्माण के लिए लिखने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है।
श्री राम एक मंत्र है, श्री राम एक श्लोक,
श्री राम हो श्याम है, श्री राम ही त्रिलोक।
श्री राम का अवध में प्राण प्रतिष्ठा होना, पृथ्वी पर एक अद्भुत उत्सव है। बरसों से जिस उत्सव की, जिस क्षण की सबकों प्रतिक्षा थी, वो अनमोल रत्न रूपी स्वर्णिम पल हमारे समक्ष है, महोत्सव मनाने का सुनहरा वक्त आ गया है।
क्या? वर्णन करें क्या नहीं, आज मनोरम प्रभु के मनोहर रूप, मनोहर दृश्य का बखान करने के लिए शब्द कम पड़ रहें हैं। भावपूर्ण शब्दों को बयान करने को सामथ्र्य नहीं जान पड़ती।
अपनी अयोध्या नगरी में खुद को आने में श्री राम को बहुत समय लग गया, बहुत संघर्ष किया रामलीला ने।
सातपुरीयो अयोध्या, मथुरा, हरिद्वार, काशी, कांचीपुरम, उज्जैन, द्वारका, इनमें से एक है अयोध्या नगरी। अयोध्या को मनु ने बसाया था। मनभावन स्वर्ग समान नगरी। स्कंद पुराण में भी अयोध्या नगरी और यहां की सरयू नदी की सुंदरता का विश्लेषण है।
आज दीपोत्सव मनाया जा रहा है, विश्व का हर कोना राममय है, अयोध्या नगरी दुल्हन की भाति श्रृंगार कर रही है और पूरा देश अयोध्या नगरी की भांति।
हम सौभाग्यशाली है जो इस स्वप्न को, इस स्वर्णिम युग को साक्षात देख पा रहे हैं।
ये राम लला की जीत का उत्सव है शानदार होना ही चाहिए, अयोध्या के राजा श्रीराम ने अपने मंदिर के लिए, न्याय के मंदिर में बरसों बरस लड़ाई की, जिससे आज उन्हें यह जीत मिली। 5 अगस्त 2020 को राममंदिर का भूमिपूजन हुआ और अब तैयारी है, 22 जनवरी 2024
श्री राम के अयोध्या पधारने की अर्थात रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की। पूरा विश्व, संपूर्ण भारतवर्ष एक स्वर्णिम इतिहास रचने की ओर अग्रसर है। हर घर में रामोत्सव का डंका बज गया है, घर घर पीले चावल पहुंच गये है,
भारत के कोने कोने से अद्भुत साजो सामान लाया गया है। कहीं से विशाल अगरबत्ती, कहीं से चांदी का दीपक, बहुतेरे हवनकुंड से अवध नगरी शोभायमान हो रही है। विशाल अगरबत्ती प्रज्वलित हो चुकी है। लडु, मिटाई और ना जाने क्या क्या श्री राम प्रभु की सेवा में आ गये है।
सारी प्रक्ति झूम उठी है, कोई राम पर गीत गा रहा है, कोई अर्चना कर रहा है चारों दिशाएं भक्तिमय, प्रेम रस से परिपूर्ण हो गई है।
हम सौभाग्यशाली है जो इस स्वर्णिम पल के साक्षी बनेंगे। धन्य भाग, धन्य भाग।
सदियों से जिस क्षण का बेसब्री से इंतजार था, आज वो पड़ी आ गई। मंगल नाम श्री राम का, मंगल काज श्री राम का।
एक मोठा, सुंदर, ऐतिहासिक सपना, जो पूर्ण हो रहा है।
ब्रह्माण्ड साक्षी है, इन अविस्मरणीय क्षणों का।
सारी प्रक्ति अपनी खुशी व्यक्त कर रही है। श्री राम के स्वागत में प्रकृति ने चहुंओर पुष्प वर्षा की है, कोयल राम स्वागत के मधुर गीत गा रही है, मोर अपनी सारी सुंदरता नृत्य के माध्यम से श्री राम को अर्पण कर रहा है। आसमान खुद को खुद से भी ऊंचा महसूस कर रहा है। कैसा सुंदर दृश्य है। चारों ओर संगीत गुंजायमान है। सरस्वती लगता है सबको जिव्हा पर विराजमान हो गई है। सारे देव श्री राम के स्वागत सत्कार के लिए मानों धरा पर उतर आये हो।
हर घर दीपक, हर रास्ते में रांगोली सजाई जा रही है। तरू का हर पात हवा के हल्के झोंकों के साथ श्री राम का वंदन कर रहा है। मंगलगीत गायें जा रहे हैं, बंदनवार सजायें जा रहे हैं। हर मंदिर में रामायण की चौपाइयां गुंजायमान है। भक्त अंजनी पुत्र आज अपने प्रभु के स्वागत में पलकें बिछाए खड़े हैं मानों सेवक बस आज्ञा की प्रतिक्षा में हो। आज की गरिमामयी झांकी निहारने के लिए ये दो आंखें भी कम पड़ जायेगी, अगर ऐसा कहे तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। भावपूर्ण हृदय भक्तिमय वातावरण और प्रेम से ओतप्रोत हैं।
जनमानस का रोम रोम पुलकित है। आज के श्री राम प्रभु के वर्णन के लिए लेखनी कम पड़ गई है। इस स्वर्णिम, भक्तिमय, राममय सृष्टि का, सृष्टिकर्ता का गुण गाने के लिए हृदय का हर कोना प्रफुल्लित है। यह सुनहरा वक्त सदैव आशा और सुनहरी याद बनकर दिलों में बस जायेगा।
आप सभी प्रभु राम की कृपा बनी रहे
@शंकर आँजणा