श्री राम आ गए…!
श्री राम अयोध्या आ गए,
तन् मन में यूं छा गए..!
सांवरा तन उनका यूं चमक रहा,
हमारे मन में उनका सौंदर्य धधक रहा..।
ऐसा लग रहा,
पूजा मोदी जी कर रहे,
पुण्य हमे मिल रहा..।
उनकी आंखों में सारा जग समा रहा,
हमारा हृदय उन्हे देख बाहर आ रहा..!
उनका तिलक यूं झलक रहा,
जैसे जाया सिया राम कह रहा..!
सर पर सूर्यवंशी मुकुट यूं चकाचौंध हो रहा,
रूप ऐसा देख , दुख वो हर रहा..!
आस्था की बाढ़ मन में आ रही,
आंखे उनसे हटाए न हटाई जा रही..!
जन्मों के पुण्य का ये परिणाम लग रहा,
मेरी आंखों में उनका रूप यूं समा रहा..!
शरीर का कण कण जैसे उन्हे घूर रहा,
शब्दो के परे वो भाव उमड़ रहा..!
सागर उमड़ रहा भक्ति का मन में,
हो रहे सवार श्री राम हम में,
यूं डूब गए हम उनके रूप में,
दिख रहे श्री राम हर कण में..!
सियापति रामचंद्र जी की जय हो।