Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Jan 2023 · 1 min read

श्री महेंद्र प्रसाद गुप्त जी (हिंदी गजल/गीतिका)

श्री महेंद्र प्रसाद गुप्त जी (हिंदी गजल/गीतिका)
( जन्म 23 अगस्त 1931— मृत्यु 1 जनवरी 2019 )
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
(1)
नमन-नमन सौ बार नमन, वंदन सौ बार महेंद्र जी
सहकारी युग साप्ताहिक, जिनका अखबार महेंद्र जी
(2)
कर्मवीर थे वीरव्रती थे, सत्पथ के अनुगामी
निर्लोभी ईमानदार थे, सच की धार महेंद्र जी
(3)
साहित्यिक-समाज में, संपादक कब उनके जैसा
सात्विक अभिरूचियों के, मानों शुभ विस्तार महेंद्र जी
(4)
बड़े – बड़े साहित्यकार, जिनको प्रणाम करते थे
खुद में एक बड़े, ज्यों साहित्यिक परिवार महेंद्र जी
(5)
खबरें पी.टी.आई .को, वृद्धावस्था तक भेजीं
अंग्रेजी पर भी समान, रखते अधिकार महेंद्र जी
(6)
अगर चाहते तो जमीन को खुद हथिया सकते थे
मिले “ज्ञान मंदिर” को, शुभचिंतक उपहार महेंद्र जी
(7)
धुन सवार थी आदर्शों को, जीवन में जीने की
धन से बढ़कर धनी, लेखनी के भंडार महेंद्र जी
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99976 15451

399 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
तुझे कसम है मोहब्बत की लौटकर आजा ।
तुझे कसम है मोहब्बत की लौटकर आजा ।
Phool gufran
अंधेरे में छिपे उजाले हो
अंधेरे में छिपे उजाले हो
नूरफातिमा खातून नूरी
मुकद्दर तेरा मेरा एक जैसा क्यों लगता है
मुकद्दर तेरा मेरा एक जैसा क्यों लगता है
VINOD CHAUHAN
*Deep Sleep*
*Deep Sleep*
Poonam Matia
उहे समय बा ।
उहे समय बा ।
Otteri Selvakumar
पुरुषो को प्रेम के मायावी जाल में फसाकर , उनकी कमौतेजन्न बढ़
पुरुषो को प्रेम के मायावी जाल में फसाकर , उनकी कमौतेजन्न बढ़
पूर्वार्थ
बंधन में रहेंगे तो संवर जायेंगे
बंधन में रहेंगे तो संवर जायेंगे
Dheerja Sharma
श्री राम के आदर्श
श्री राम के आदर्श
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
द्वापर में मोबाइल होता
द्वापर में मोबाइल होता
rkchaudhary2012
सफर या रास्ता
सफर या रास्ता
Manju Singh
आचार्य पंडित राम चन्द्र शुक्ल
आचार्य पंडित राम चन्द्र शुक्ल
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मौसम आया फाग का,
मौसम आया फाग का,
sushil sarna
जश्न आंखों में तुम्हारी क्या खूब नज़र आ रहा हैं...
जश्न आंखों में तुम्हारी क्या खूब नज़र आ रहा हैं...
Vaibhavwrite..✍️
रमेशराज की तीन ग़ज़लें
रमेशराज की तीन ग़ज़लें
कवि रमेशराज
कितना मुश्किल है केवल जीना ही ..
कितना मुश्किल है केवल जीना ही ..
Vivek Mishra
" नयी दुनियाँ "
DrLakshman Jha Parimal
वक्त लगता है
वक्त लगता है
Vandna Thakur
मैं ख़ुद डॉक्टर हूं
मैं ख़ुद डॉक्टर हूं" - यमुना
Bindesh kumar jha
सत्य पर चलना बड़ा कठिन है
सत्य पर चलना बड़ा कठिन है
Udaya Narayan Singh
🌸*पगडंडी *🌸
🌸*पगडंडी *🌸
Mahima shukla
"आखिर में"
Dr. Kishan tandon kranti
नज़र चुरा कर
नज़र चुरा कर
Surinder blackpen
जीवन की सुरुआत और जीवन का अंत
जीवन की सुरुआत और जीवन का अंत
Rituraj shivem verma
* सत्य एक है *
* सत्य एक है *
surenderpal vaidya
चकाचौंध की दुनियां से सदा डर लगता है मुझे,
चकाचौंध की दुनियां से सदा डर लगता है मुझे,
Ajit Kumar "Karn"
*श्री शक्तिपीठ दुर्गा माता मंदिर, सिविल लाइंस, रामपुर*
*श्री शक्तिपीठ दुर्गा माता मंदिर, सिविल लाइंस, रामपुर*
Ravi Prakash
दिनचर्या
दिनचर्या
Santosh kumar Miri
यार
यार
अखिलेश 'अखिल'
मामले के फ़ैसले अदालत में करने से बेहतर है की आप अपने ही विर
मामले के फ़ैसले अदालत में करने से बेहतर है की आप अपने ही विर
Rj Anand Prajapati
Loading...