श्रीकृष्ण
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श्रीकृष्ण
भक्तियोगी , ज्ञानयोगी ,
कर्मयोगी मुझे पहचानों
मैं सभी जगह हूँ ,
मैं सभी जीव में हूँ
जो भी निरंतर अभ्यास ,
निरंतर भक्ति करता हैं
मैं उसके हर – पल ,
ह्रदय में हर कदम साथ रहता हूँ
भक्तियोगी , ज्ञानयोगी ,
कर्मयोगी मुझे पहचानों
मैं सभी जगह हूँ ,
मैं सभी जीव में हूँ
जिसका चित्त शुध्द , मन निर्मल ,
भक्ति मार्ग से रहता हैं
जो भी श्रद्दापूर्वक , आसक्तिरिक्त
जीवन जीता हैं
चिंतन प्रज्ञा से मुझे पहचानों ,
भक्ति मार्ग से ही मुझे पहंचानो
भक्तों का सदा रक्षक ,
मैं सभी जीवों में ,भक्तों का मित्र हूँ
भक्तियोगी , ज्ञानयोगी ,
कर्मयोगी मुझे पहचानों
मैं सभी जगह हूँ ,
मैं सभी जीव में हूँ
मैं सभी का साथ देने वाला हूँ
मैं सभी का साथ देने वाला हूँ
मैं हूँ ” श्रीकृष्ण ”
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– राजू गजभिये