Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Oct 2023 · 1 min read

“कहानी (कहनी)”

सदा दिन ले कहानी के जरी म सत, धरम अउ नियाव के बात रइसे। जिनगी घलो तो एक कहानी आय। मनखे ल अतका मिहनत तो जरूर करना चाही के ओकर नवा पीड़ही ह ओकर संघर्ष, हउसला अउ जज्बा ले प्रेरना ले सकय। नइ तो जिनगी अबिरथा हो जाथे। अही तो कहानी ल दिलचस्प बनाथे। ओइसे भी शरीर म खून के जो मायने होथे, ओही मायने कहानी म भावना (इमोशन) के होथे। धियान देहे के बात ए आय :

अगर तैं हीरो नइ हस अपन कहानी म।
तव तैहाँ कुछ नइ करे अपन जवानी म।।

डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
साहित्य और लेखन के लिए
लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड प्राप्त।

Language: Chhattisgarhi
Tag: Article
12 Likes · 7 Comments · 133 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
सुविचार
सुविचार
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
तुम्हें तो फुर्सत मिलती ही नहीं है,
तुम्हें तो फुर्सत मिलती ही नहीं है,
Dr. Man Mohan Krishna
दूसरों की लड़ाई में ज्ञान देना बहुत आसान है।
दूसरों की लड़ाई में ज्ञान देना बहुत आसान है।
Priya princess panwar
रंग भरी पिचकारियाँ,
रंग भरी पिचकारियाँ,
sushil sarna
-दीवाली मनाएंगे
-दीवाली मनाएंगे
Seema gupta,Alwar
इंतिज़ार
इंतिज़ार
Shyam Sundar Subramanian
देना और पाना
देना और पाना
Sandeep Pande
बहुत याद आता है मुझको, मेरा बचपन...
बहुत याद आता है मुझको, मेरा बचपन...
Anand Kumar
झूठा घमंड
झूठा घमंड
Shekhar Chandra Mitra
कुदरत से मिलन , अद्धभुत मिलन।
कुदरत से मिलन , अद्धभुत मिलन।
Kuldeep mishra (KD)
■ जय जिनेन्द्र
■ जय जिनेन्द्र
*Author प्रणय प्रभात*
हमें लिखनी थी एक कविता
हमें लिखनी थी एक कविता
shabina. Naaz
23/104.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/104.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
इश्क़ का कुछ अलग ही फितूर था हम पर,
इश्क़ का कुछ अलग ही फितूर था हम पर,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
THE MUDGILS.
THE MUDGILS.
Dhriti Mishra
संवेदना ही सौन्दर्य है
संवेदना ही सौन्दर्य है
Ritu Asooja
आईना
आईना
Sûrëkhâ Rãthí
* इस धरा को *
* इस धरा को *
surenderpal vaidya
अवसाद
अवसाद
Dr Parveen Thakur
सच्चाई ~
सच्चाई ~
दिनेश एल० "जैहिंद"
नींद का चुरा लेना बड़ा क़ातिल जुर्म है
नींद का चुरा लेना बड़ा क़ातिल जुर्म है
'अशांत' शेखर
फागुन होली
फागुन होली
Khaimsingh Saini
तुम याद आये !
तुम याद आये !
Ramswaroop Dinkar
गले लगाना है तो उस गरीब को गले लगाओ साहिब
गले लगाना है तो उस गरीब को गले लगाओ साहिब
कृष्णकांत गुर्जर
रमेशराज की चिड़िया विषयक मुक्तछंद कविताएँ
रमेशराज की चिड़िया विषयक मुक्तछंद कविताएँ
कवि रमेशराज
हाँ, नहीं आऊंगा अब कभी
हाँ, नहीं आऊंगा अब कभी
gurudeenverma198
इतना गुरुर न किया कर
इतना गुरुर न किया कर
Keshav kishor Kumar
वो वक्त कब आएगा
वो वक्त कब आएगा
Harminder Kaur
"शब्द"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...