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2 Jul 2024 · 1 min read

श्रंगार

सर्दी में इश्क में और भी निखार आ जाता है।
दिलों में तपिश का एक ज्वार सा छा जाता है।
आगोश में सिमट जाने की बढ़ जाती है चाहत।
लंबी सर्द रातों में इश्क का बुखार सा छा जाता है।
विपिन

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