श्याम बदरा
श्याम बदरा घनघोर मचाए शोर करे बर्षा चहुँ ओर
चपला चमके चमाचम हो जगमग जग चहुँ ओर
झमाझम बरसे बदरा जल प्लावन हो रहा चहुँ ओर
होके मगन सनन सनन बह रही पवन मचा रही शोर
तेज हवा के झोंके घने ऊँचे पेड़ों को रहे झकझोर
देख देख कारे बदरवा आनंद कानन नाच रहे मोर
ऐसे रोमांचक परिदृश्य से ओम् का नाचे मन मोर
ओमप्रकाश भारती ओम्
बालाघाट , मध्यप्रदेश