कहू किया आइ रूसल छी , कोनो कि बात भ गेल की ?
"दिमाग"से बनाये हुए "रिश्ते" बाजार तक चलते है!
सर्द रातें
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
*मुट्ठियाँ बाँधे जो आया,और खाली जाएगा (हिंदी गजल)* ____________
कुदरत है बड़ी कारसाज
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
दो दिन की जिंदगी है अपना बना ले कोई।
ग़ज़ल (यूँ ज़िन्दगी में आपके आने का शुक्रिया)
कोई बात नहीं, अभी भी है बुरे
मन की चाहत
singh kunwar sarvendra vikram
आदमी उपेक्षा का नही अपेक्षा का शिकार है।
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)