दुनिया एक दुष्चक्र है । आप जहाँ से शुरू कर रहे हैं आप आखिर म
जिंदगी अच्छे और बुरे दोनों पलों से मिलकर बनी है, दोनों का अप
महामानव पंडित दीनदयाल उपाध्याय
छेड़ता है मुझको यशोदा मैया
क्या इंतज़ार रहता है तुझे मेरा
डॉ. नामवर सिंह की आलोचना के अन्तर्विरोध
*सूरज ने क्या पता कहॉ पर, सारी रात बिताई (हिंदी गजल)*
ख्वाब कैसे कोई मुकम्मल हो,
गुरु पूर्णिमा का महत्व एवं गुरु पूजन
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
लोग जाने किधर गये
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
आपकी बुद्धिमत्ता को कभी भी एक बार में नहीं आंका जा सकता क्यो
सुबुधि -ज्ञान हीर कर
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक