Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 May 2024 · 1 min read

श्राद्ध

आल्हा छंद

गजब कहानी श्राद्ध पक्ष की,पितर पूजते सारे लोग ।
खीर पुड़ी पकवान बनाते,लगा रहे नित नित नय भोग।
जिंदा में नहीं करि आरती, तर्पण द्वारा करते मेल।
कौओं को आमंत्रित करते,दुनिया देख रही यह खेल।
बेशक पूर्वज देव हमारे,सदा करें उनका सम्मान।
ध्यान हमें यह भी रखना है,जीते जी नहि हो अपमान।
श्राद्ध नाम पर भंडारे का,प्रेरक लगता नहीं विधान।
सामाजिक हो मान प्रतिष्ठा,इसी भावना में हैरान।
जिंदे में नहि करते सेवा,पूर्वज कैसे हो सतुष्ट।
बाद श्राद्ध से लाभ नहीं है,स्वर्ग गये होकर जो रुष्ट।।
धन्य वही होती संतानें,पूर्वज जेते जिन्हें अशीष।
सेवा अरु सम्मान दिया हो,चरण झुका हो जिनका शीश।
श्राद्ध पर्व की परम्परा भी,देखा देखी का ही रूप।
पास पडोसी सौ को न्यौते,दूजे बनें हजारी भूप।।
पूजन करते बड़े जोर से,ज्यों द्वार पर पितर बारात।
कुत्ते खाते खीर जलेबी,सुधरें नहीं पुत्र हालात।
अच्छा होता पितर कर्म पर,बनते जन सेवा संस्थान ।
पेड़ लगाते श्राद्ध पक्ष में,पुण्य लाभ सच्ची पहचान ।

राजेश कौरव सुमित्र

23 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Rajesh Kumar Kaurav
View all
You may also like:
बदल जाएगा तू इस हद तलक़ मैंने न सोचा था
बदल जाएगा तू इस हद तलक़ मैंने न सोचा था
Johnny Ahmed 'क़ैस'
"I'm someone who wouldn't mind spending all day alone.
पूर्वार्थ
मुसीबतों को भी खुद पर नाज था,
मुसीबतों को भी खुद पर नाज था,
manjula chauhan
बसे हैं राम श्रद्धा से भरे , सुंदर हृदयवन में ।
बसे हैं राम श्रद्धा से भरे , सुंदर हृदयवन में ।
जगदीश शर्मा सहज
तुम मुझे दिल से
तुम मुझे दिल से
Dr fauzia Naseem shad
मैं तुमसे दुर नहीं हूँ जानम,
मैं तुमसे दुर नहीं हूँ जानम,
Dr. Man Mohan Krishna
Re: !! तेरी ये आंखें !!
Re: !! तेरी ये आंखें !!
RAJA KUMAR 'CHOURASIA'
तुम जिसे झूठ मेरा कहते हो
तुम जिसे झूठ मेरा कहते हो
Shweta Soni
सफर कितना है लंबा
सफर कितना है लंबा
Atul "Krishn"
निःस्वार्थ रूप से पोषित करने वाली हर शक्ति, मांशक्ति स्वरूपा
निःस्वार्थ रूप से पोषित करने वाली हर शक्ति, मांशक्ति स्वरूपा
Sanjay ' शून्य'
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
2955.*पूर्णिका*
2955.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
नजरों को बचा लो जख्मों को छिपा लो,
नजरों को बचा लो जख्मों को छिपा लो,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
जिसने अपने जीवन में दर्द नहीं झेले उसने अपने जीवन में सुख भी
जिसने अपने जीवन में दर्द नहीं झेले उसने अपने जीवन में सुख भी
Rj Anand Prajapati
सुबह -सुबह
सुबह -सुबह
Ghanshyam Poddar
न जमीन रखता हूँ न आसमान रखता हूँ
न जमीन रखता हूँ न आसमान रखता हूँ
VINOD CHAUHAN
हम उस महफिल में भी खामोश बैठते हैं,
हम उस महफिल में भी खामोश बैठते हैं,
शेखर सिंह
झूठ के सागर में डूबते आज के हर इंसान को देखा
झूठ के सागर में डूबते आज के हर इंसान को देखा
इंजी. संजय श्रीवास्तव
यह कलयुग है
यह कलयुग है
gurudeenverma198
चली लोमड़ी मुंडन तकने....!
चली लोमड़ी मुंडन तकने....!
singh kunwar sarvendra vikram
"कैंची"
Dr. Kishan tandon kranti
THE MUDGILS.
THE MUDGILS.
Dhriti Mishra
■ क़तआ (मुक्तक)
■ क़तआ (मुक्तक)
*प्रणय प्रभात*
“पसरल अछि अकर्मण्यता”
“पसरल अछि अकर्मण्यता”
DrLakshman Jha Parimal
आखिर कब तक
आखिर कब तक
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
विश्व कविता दिवस
विश्व कविता दिवस
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
*स्वामी विवेकानंद* 【कुंडलिया】
*स्वामी विवेकानंद* 【कुंडलिया】
Ravi Prakash
प्राणवल्लभा 2
प्राणवल्लभा 2
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
चॉकलेट
चॉकलेट
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
*प्यार या एहसान*
*प्यार या एहसान*
Harminder Kaur
Loading...