Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jul 2020 · 1 min read

जब हम ठुकराए गए

रौशनी से जब हम ठुकराए गये
साथ छोड़कर सब साये गये

मेरी ख़ूबियों का ग़ुरूर टूट गया
जब मेरे ऐब मुझको गिनाए गये

सब क़ुसूर आँखों का था मगर
सब इल्ज़ाम दिल पे लगाए गये

हक़ीक़त में वो फ़क़त सहरां था
ख़्वाबों में सब्ज़ बाग दिखाए गये

3 Likes · 2 Comments · 250 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बेरोजगारी मंहगायी की बातें सब दिन मैं ही  दुहराता हूँ,  फिरभ
बेरोजगारी मंहगायी की बातें सब दिन मैं ही दुहराता हूँ, फिरभ
DrLakshman Jha Parimal
मुझे अधूरा ही रहने दो....
मुझे अधूरा ही रहने दो....
Santosh Soni
गुरु महाराज के श्री चरणों में, कोटि कोटि प्रणाम है
गुरु महाराज के श्री चरणों में, कोटि कोटि प्रणाम है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
हिन्दी पर विचार
हिन्दी पर विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मंदिर की नींव रखी, मुखिया अयोध्या धाम।
मंदिर की नींव रखी, मुखिया अयोध्या धाम।
विजय कुमार नामदेव
मैं निकल पड़ी हूँ
मैं निकल पड़ी हूँ
Vaishaligoel
ज़िंदगानी
ज़िंदगानी
Shyam Sundar Subramanian
उसकी ख़ामोश आहें
उसकी ख़ामोश आहें
Dr fauzia Naseem shad
बेमतलब सा तू मेरा‌, और‌ मैं हर मतलब से सिर्फ तेरी
बेमतलब सा तू मेरा‌, और‌ मैं हर मतलब से सिर्फ तेरी
Minakshi
संविधान ग्रंथ नहीं मां भारती की एक आत्मा🇮🇳
संविधान ग्रंथ नहीं मां भारती की एक आत्मा🇮🇳
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
प्रकृति सुर और संगीत
प्रकृति सुर और संगीत
Ritu Asooja
जिंदगी
जिंदगी
विजय कुमार अग्रवाल
नारियां
नारियां
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
"Battling Inner Demons"
Manisha Manjari
सुनो पहाड़ की...!!! (भाग - ९)
सुनो पहाड़ की...!!! (भाग - ९)
Kanchan Khanna
माटी
माटी
AMRESH KUMAR VERMA
जननी
जननी
Mamta Rani
"चाँद-तारे"
Dr. Kishan tandon kranti
एक शाम ठहर कर देखा
एक शाम ठहर कर देखा
Kunal Prashant
शब्दों से बनती है शायरी
शब्दों से बनती है शायरी
Pankaj Sen
ek abodh balak
ek abodh balak
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*समीक्षकों का चक्कर (हास्य व्यंग्य)*
*समीक्षकों का चक्कर (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
16-- 🌸उठती हुईं मैं 🌸
16-- 🌸उठती हुईं मैं 🌸
Mahima shukla
दूर नज़र से होकर भी जो, रहता दिल के पास।
दूर नज़र से होकर भी जो, रहता दिल के पास।
डॉ.सीमा अग्रवाल
दो रंगों में दिखती दुनिया
दो रंगों में दिखती दुनिया
कवि दीपक बवेजा
बाट जोहती पुत्र का,
बाट जोहती पुत्र का,
sushil sarna
नारी का क्रोध
नारी का क्रोध
लक्ष्मी सिंह
संकल्प
संकल्प
Dr. Pradeep Kumar Sharma
कोई काम हो तो बताना
कोई काम हो तो बताना
Shekhar Chandra Mitra
■ इधर कुआं, उधर खाई।।
■ इधर कुआं, उधर खाई।।
*प्रणय प्रभात*
Loading...