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29 May 2023 · 1 min read

संविधान ग्रंथ नहीं मां भारती की एक आत्मा🇮🇳

एक ग्रंथ नही ?
माँ भारती की जीवित
आत्मा सर्वोच्च विधान
बुनियादी सांचा ढांचा

विधायिका कार्यपालिका
न्यायपालिका का संगम
दायित्व कर्तव्यों सीमांकन
जन सपनो मूल्यों का दर्पण है

कैबिनेट मिशन ने 1946 किया
गठन संविधान सभा का जो
26 नवंबर उन्नीस सौ 49 को
अंगीकार से 26जनवरी उन्नीस सौ

पचास में लागू अपना संविधान
प्रेम बिहारी नारायण रायजादा
दिल्ली वासी 251 पेज के संविधान
मुफ्त में हाथों से लिखने वाले सफल

कैलीग्राफी आर्टिस्ट थे जिसने
भारत को सबसे लंबा हस्त लिखित
संविधान दे भारत को सम्मान दिया
साठ महादेश संविधानों का निचोड़ है

अनुच्छेद 395 अनुसूचियां 8 भाग22 में
विभाजित प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद
प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू एवं सं
विधान सभा सदस्यों के हस्ताक्षर से
महाराज बाड़ा ग्वालियर

स्थित सेंट्रल लाइब्रेरी में मूल प्रति
संविधान सुरक्षित संरक्षित है।
वावा साहब भीमराव अंबेडकर
संविधान जनक वास्तुकार है।

वेद पुराण उपनिषद् कुरान
बाइबल गीतासार आचार विचार
स्वतंत्रता अभिव्यक्ति धर्म संस्कृति
रंग रूप भेष भाषा शिक्षा संपत्ति

न्याय कानून संरक्षक अपना
संविधान इसे मान सम्मान करने
वाले इतिहास बदल युगांतर हो
पूजे जाते हैं पर ??
संविधान दरकिनार से डगर डगर
भटक भटक नि :रस हो अपनी
पहचान छुपाने मजबूर हो जाते

हे ! भारत के लोगो ?????
आचार संहिता इस संविधान ने
स्वतंत्रता समानता विश्वगुरु राह
जीने का अधिकार दिलाया है

समझ जरा इनकी गरिमा ये
सिर्फ एक ग्रंथ नही मां भारती
का सुरक्षित संरक्षित एक जीवित
आत्मा है ❤️❤️❤️❤️❤️❤️

मैं ही नहीं भारतीय इतिहास
श्रद्धा सम्मान से संविधान को
सत् सत् नमन करता है।
सत् सत् नमन करता है ।
🙏🙏❤️❤️❤️🙏🙏

तारकेश्वर प्रसाद तरूण

Language: Hindi
4 Likes · 452 Views
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