शीर्षक: मन की हलचल
मेरे मन की अस्थिरता और
हलचल कुछ कहना चाहती हैं
कुछ तो कराना चाहती हैं
मुझ से जो मैं समझने की कोशिश कर रही हूँ
खामोशियां भी कुछ कहना चाहती हैं
कुछ समझाना चाहती हैं मुझे
मैं कोशिश करती हूँ कि
शायद मैं समझ जाऊं पर उसको मैं
शब्द रूप में समझा नही पा रही हूं
मेरे भाव कुछ कह रहे है
शायद मैं ठीक से बयां ही नही कर पा रही हूँ
लेखनी उठा सब लिख देना चाह रही हूँ
हर लफ्ज कुछ तो बयां कर रहे हैं
जो शायद मैं समझाना चाह रही हूँ
मेरे अंदर के भाव रह रह प्रस्फुटित होने को
तैयार हैं मेरी लेखनी से रचित होने को
कर रही हूं शब्दो का चुनाव और
मैं कर रही हूँ कोशिश सब कह देने की
अपने मन की स्थिरता के लिए….!!