शीर्षक : बरसात के दिनों में (हिन्दी)
शीर्षक : बरसात के दिनों में (हिन्दी) दिनांक: १३ जून 2023
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बरसात के दिनों में तेरे मेरे मन, भावों में प्यार की उमंग बसी हैं।
जिंदगी में बरसात के दिनों में,बस वो तेरे चाहत की कसक रहती है।
हां मेरी बरसात के दिनों की अभिलाषा, वो मौन रहकर भी इश्क करती हैं।
बरसात के दिनों में शब्दों, में बसी तुम गलत न समझना ,क्योंकि मन की चाहत न स्वार्थ हैं।
बरसात के दिनों में ही तो, मन एक प्यासा पपीहा बन जाता हैं।
मेरे शब्दों की राह,बरसात के दिनों में दोस्त बन , जरुरत बस तेरी सोच है।
मेरे शब्द ही बरसात के दिनों में रहते तेरी यादें रखते हैं।
बस भूलना और भूल जाना बरसात के दिनों की वो तेरा भीगे बदन से लिपट जाना याद हैं
बरसात के दिनों की तेरी यादें दिल में साथ आज भी है।
———————- नीरज अग्रवाल चंदौसी उप्र