Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Feb 2024 · 1 min read

शीर्षक -एक उम्मीद आशा की

शीर्षक-एक उम्मीद आशा की!

जीवन में संकट कितने ही आएँ,
तुमको उनसे डरना नहीं होगा।
इस अंधकार से जीवन में तुमको,
दीपक बनकर ही जलना होगा!

चलकर सच्चाई के पथ तुमको,
बुराइयों का त्याग करना होगा।
जीवन के निराशा भरे सागर से,
तुमको हिम्मत से पार करना होगा।

करो खुद को बुलंद तुम जीवन में,
चुनौतियांँ तुम्हारे पास न आने पाएँ।
करो जीवन के हर संकटों का मुकाबला
लड़कर विजय पताका हम फहराएँ।।

जीवन पथ में आएंगी कठिनाइयांँ,
पर तुम उम्मीद से आगे बढ़ना।
निराशाओं को दिल से मिटाकर,
एक उम्मीद आशा की बनाए रखना!!

सुषमा सिंह*उर्मि,,

Language: Hindi
1 Like · 72 Views
Books from Sushma Singh
View all

You may also like these posts

आनन ग्रंथ (फेसबुक)
आनन ग्रंथ (फेसबुक)
Indu Singh
शायद
शायद
सिद्धार्थ गोरखपुरी
छल जाते हैं
छल जाते हैं
Shweta Soni
2683.*पूर्णिका*
2683.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ज़िंदगी हर पल गुज़र रही है
ज़िंदगी हर पल गुज़र रही है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
प्रिय मेरा विश्वास तुम्हीं हो'
प्रिय मेरा विश्वास तुम्हीं हो'
श्रीकृष्ण शुक्ल
दिल कहता है खुशियाँ बांटो
दिल कहता है खुशियाँ बांटो
Harminder Kaur
एक गरीबी
एक गरीबी
Seema Verma
"वक्त"
Dr. Kishan tandon kranti
अपने और पराए की पहचान
अपने और पराए की पहचान
Sonam Puneet Dubey
कर्ण कुंती संवाद
कर्ण कुंती संवाद
Jalaj Dwivedi
प्रेम ईश्वर
प्रेम ईश्वर
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सिसकियाँ जो स्याह कमरों को रुलाती हैं।
सिसकियाँ जो स्याह कमरों को रुलाती हैं।
Manisha Manjari
मोहब्बत का मेरी, उसने यूं भरोसा कर लिया।
मोहब्बत का मेरी, उसने यूं भरोसा कर लिया।
इ. प्रेम नवोदयन
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
मन कहता है
मन कहता है
Seema gupta,Alwar
हमरी बिल्ली हमको
हमरी बिल्ली हमको
Abasaheb Sarjerao Mhaske
जिंदगी एक परीक्षा है काफी लोग.....
जिंदगी एक परीक्षा है काफी लोग.....
Krishan Singh
हठ;कितना अंतर।
हठ;कितना अंतर।
Priya princess panwar
👍👍👍
👍👍👍
*प्रणय*
???
???
शेखर सिंह
कितना प्यारा कितना पावन
कितना प्यारा कितना पावन
जगदीश लववंशी
हिचकियों   की   मुझे   तमन्ना  है ,
हिचकियों की मुझे तमन्ना है ,
Dr fauzia Naseem shad
हकीकत से रूबरू हो चुके हैं, अब कोई ख़्वाब सजाना नहीं है।
हकीकत से रूबरू हो चुके हैं, अब कोई ख़्वाब सजाना नहीं है।
अनिल "आदर्श"
अच्छा नहीं होता बे मतलब का जीना।
अच्छा नहीं होता बे मतलब का जीना।
Taj Mohammad
कुंडलिया
कुंडलिया
अवध किशोर 'अवधू'
*तुम न आये*
*तुम न आये*
Kavita Chouhan
मैं
मैं "परिन्दा" हूँ........., ठिकाना चाहिए...!
पंकज परिंदा
#सृजनएजुकेशनट्रस्ट
#सृजनएजुकेशनट्रस्ट
Rashmi Ranjan
कुदरत का करिश्मा है दरख्तों से खुशबू का महकना है ,,
कुदरत का करिश्मा है दरख्तों से खुशबू का महकना है ,,
Neelofar Khan
Loading...