शीर्षक:स्वर कोकिला को शब्द श्रद्धांजलि
सुर ताल की इस दुनिया मे
कैसा यह शोर हुआ है
टी वी चैनल बता रहे कि
सुरो की मल्लिका शांत हुई हैं
तुम्हारे तो नाम मे ही छिपा हैं
लता को उलट कर देखा
तो उसमे पाया ताल
तभी किया सुरो की दुनिया मे कमाल
तुम्हारा जाना सामान्य नहीं,
सुरो की दुनिया मे कोलाहल होना
तुम्हारे श्रोताओ पर असहनीय,
पीड़ा का आना ,तुम्हारा यूँ जाना
बचपन बिताया सुरो के बीच
घर परिवार की जिम्मेदारी की पूर्ण
हमे दिया सुरीला संगीत
चली गई रहने वाली थी जो सुरो के बीच
तुम सा न हुआ कोई और
न ही होगा कोई
सुर के मंदिर की तुम पुजारन
रहोगी सदा बनकर हमारे बीच