शीर्षक:सावन आया पिया न आये
🌿सावन आया पिया न आये🌿
सावन आया पर पिया न आए
कैसे मन को धीर बँधाये..!
मन को कैसे हम समझाए
अखियां मेरी राह निहारे
रो रोकर बस थक थक जाए
बरसात हुई पर पिया न आये
कोन जिया को धीर बँधाये
सावन आया पर पिया न आए
कैसे मन को धीर बँधाये…!
मेरे मन का मीत आये
राते जाग कर कट जाए
मेरा मन व्याकुल हुआ जाए
जिय की धड़कन बढ़ती जाए
राह निहारते अंखिया दुख जाए
सावन आया पर पिया न आए
कैसे मन को धीर बँधाये…!
मुझ विरहन का मन बड़ा भारी
तुझ बिन तड़फूं मैं दुखयारी
तुझ बिन कोई नजर न भाए
बस तेरी यादे पल पल तड़फाये
सावन आया पर पिया न आए
कैसे मन को धीर बँधाये…!
आँखों से मेरी आंसू बहाते जाए
कैसे इनको समझाया जाए
व्याकुल ये तेरे दरस मिल जाये
पल पल तेरी राह निहारे
डॉ मंजु सैनी
गाज़ियाबाद