शीर्षक:समेट लो मुझे
शीर्षक:समेट लो मुझे
यूँ ही बस..
समेत लो मुझे अपने में
बसा लो मुझे अपने अंतर्मन की
अताह गहराई में
मन की उस पिटारी में रख लो मुझे
जहाँ से सिर्फ तुम ही देख सको मुझे
समेत लो मुझे अपने में
बस यूँ ही..
समेत लो मुझे अपने में
मेरी खाली खाली सी जिंदगी में
रंग घोल दो अपने नेह का
जो ताउम्र उतर ही न सके मुझ पर से
न ही किसी और का रंग चढ़े मुझपर
समेत लो मुझे अपने में
बस यूँ ही…
समेत लो मुझे अपने में
मेरी ख्वाहिशो को पंख सी उड़ान दो
मैं भी जी सकूँ स्वछंद अपनी चाल से
साथ दो मेरा बस यही कामना मन मे
आओ अब मेरे करीब तुम मन को छूने
बस यूँ ही..
समेत लो मुझे अपने में
डॉ मंजु सैनी
गाजियाबाद