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3 Feb 2022 · 1 min read

शीर्षक:मेरे अंतस्तल में

चुपचाप
क्योंकी मोहताज नही इश्क मेरा
तुम बसे जो हो मेरी
रूह में मेरी अनंत तल तक
जज्बातो में मेरे!!
चुपचाप
यादों में बसे हो
सम्मुख खड़े हो जैसे मेरे
सभी जवाबों के साथ
स्मृतियों में !!
चुपचाप
संवाद करते हुए
सम्मुख से प्रतीत होते है
सभी जवाबों के साथ
निशब्दता से !!
चुपचाप
लिखे जाते हो
कविता रूप में
शब्दो में लिख देती हूँ
सभी मधुर यादों को
ह्र्दयतल से !!

Language: Hindi
166 Views
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