Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jun 2022 · 1 min read

शीर्षक:मेरी पहचान सिर्फ पापा से

शीर्षक:मेरी पहचान सिर्फ पापा से

आज भी घर जाती हूँ तो
पहचान आप से ही मेरी आज भी
खुद की पहचान मेरी कुछ नही
आप की दी हिम्मत ही अब
आपके बिना पहचान हैं मेरी
इस पहचान में आप ही साथ खड़े दिखते है
कैसे आसमान छूती मैं यदि आपका साथ न होता
कैसे बढ पाती इस चालाक दुनिया में
आप की सच्चाई की दी सीख ही साथ है अब
तभी तो आज भी मेरे पापा से ही पहचान है मेरी
रास्ते मिल ही गए आपके बिन पर गाइड आप ही रहे
पहचान भी मिल जाएगी राह सच्ची यदि रही मेरी
यही आपकी दी हुई सीख है मेरे लिए
राह मिलती जायेगीं यदि मन सच्चा होगा मेरा
काम से थकान ना होना ही तो मंजिल दिखाता हैं
आप की सच्चाई की दी सीख ही साथ है अब
तभी तो आज भी मेरे पापा से ही पहचान है मेरी
जो मन को भाए काम उसी में तनमन से लग जाओ
जो रास्ते चुन लिए उस पर ईमानदारी से चलते जाओ
जीवन फिर बोझ नही लगेगा,उन्नन्ति कदम चूमेगी
यही आपकी दी सीख आज काम आ रही हैं
तभी तो कहती हूं मेरी हिम्मत तो आज भी
मेरे पापा है जो पल पल साथ है आज भी मेरे
आपकी दी हुई सीख में,सच्चाई की राह पर चल
आप की सच्चाई की दी सीख ही साथ है अब
तभी तो आज भी मेरे पापा से ही पहचान है मेरी
डॉ मंजु सैनी
गाज़ियाबाद

1 Like · 147 Views
Books from Dr Manju Saini
View all

You may also like these posts

तू कल बहुत पछतायेगा
तू कल बहुत पछतायेगा
Vishnu Prasad 'panchotiya'
क्या हुआ की हम हार गए ।
क्या हुआ की हम हार गए ।
Ashwini sharma
मजदूर
मजदूर
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
बेमतलब के
बेमतलब के
Dushyant Kumar Patel
आज हम ऐसे मोड़ पे खड़े हैं...
आज हम ऐसे मोड़ पे खड़े हैं...
Ajit Kumar "Karn"
जय जय राजस्थान
जय जय राजस्थान
Ravi Yadav
लंबे सफ़र को जिगर कर रहा है
लंबे सफ़र को जिगर कर रहा है
Shreedhar
जीने नहीं देती दुनिया,
जीने नहीं देती दुनिया,
पूर्वार्थ
4628.*पूर्णिका*
4628.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वक्त को कौन बांध सका है
वक्त को कौन बांध सका है
Surinder blackpen
कच कच कच कच बोले सन
कच कच कच कच बोले सन
आकाश महेशपुरी
उद्गगार
उद्गगार
Jai Prakash Srivastav
दोहा
दोहा
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
जिन्दादिली
जिन्दादिली
Ragini Kumari
जितना मिला है उतने में ही खुश रहो मेरे दोस्त
जितना मिला है उतने में ही खुश रहो मेरे दोस्त
कृष्णकांत गुर्जर
बरसात
बरसात
manorath maharaj
किताब
किताब
Neeraj Agarwal
जखने कथा, कविता ,संस्मरण इत्यादि अपन मुख्य धारा सँ हटि पुर्व
जखने कथा, कविता ,संस्मरण इत्यादि अपन मुख्य धारा सँ हटि पुर्व
DrLakshman Jha Parimal
तुम मुझे यूँ ही याद रखना
तुम मुझे यूँ ही याद रखना
Bhupendra Rawat
हार नहीं मानेंगे, यूं अबाद रहेंगे,
हार नहीं मानेंगे, यूं अबाद रहेंगे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बहुत ही घना है अंधेरा घृणा का
बहुत ही घना है अंधेरा घृणा का
Shivkumar Bilagrami
गुरु पर कुण्डलियाँ
गुरु पर कुण्डलियाँ
sushil sharma
मीठी बोली
मीठी बोली
D.N. Jha
सिलसिला
सिलसिला
Ramswaroop Dinkar
9) खबर है इनकार तेरा
9) खबर है इनकार तेरा
पूनम झा 'प्रथमा'
कसूरवान
कसूरवान
Sakhi
वासुदेव
वासुदेव
Bodhisatva kastooriya
" कश्ती "
Dr. Kishan tandon kranti
मुक्तक
मुक्तक
sushil sarna
Loading...