शीर्षक:बिटिया क्यों मेरे घर आई
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कब हो पाता हैं अभिमान
पैदा होते ही चर्चा बिटिया आई
नही आया वंश वर्द्धन हमारा मान
तभी शुरू हुआ कानों में चर्चा आई
क्यों बिटिया तुम मेरे घर आई..?
बेटा आने पर सब उसने पाया
शायद वही था माँ का जाया
मुझे तो सम्मान मिल ही नही पाया
मनमर्जी सब भाई ने ही पाया
क्यों बिटिया तुम मेरे घर आई..?
अच्छे स्कूल जाकर बेटे ने ही की पढ़ाई
मुझे तो पास के स्कूल में ही माँ दाखिला दिलाई
ट्यूशन भी बेटे को ही भेज पाई पर किस्मत
पूरे शहर में प्रथम तो ये बिटिया ही आई
क्यों बिटिया तुम मेरे घर आई..?
अधूरी पढ़ाई में ही हो गई ससुराल विदाई
वहाँ भी अपने कार्य से सबका दिल जीत आई
पति संग दूसरे शहर बसने चली आई
फिर अपनी अधूरी पढ़ाई पूरी कर पाई
क्यों बिटिया तुम मेरे घर आई..?
वहाँ बेटा अधूरी ही पढाई कर पाया
यहाँ मैने पढ़ कर सम्मान बहुत पाया
पति संग कंधे से कंधा मिलाया
नोकरी कर हर में खुशहाल माहौल बनाया
क्यों बिटिया तुम मेरे घर आई..?
घर गई तो सभी से आज मिलाया
और माँ-पापा का चेहरा मुस्कुराया
भाई ने भी हँसकर मान दिखाया
अभिश्रापित ये शब्द सामने से हटाया कि
क्यों बिटिया तुम मेरे घर आई..?
डॉ मंजु सैनी
गाजियाबाद