Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Mar 2022 · 1 min read

शीर्षक:किनारा

किनारा

मन के किसी कोने में
जज्बातों का तूफान घुमड़ रहा है मेरे
मानो खुशियो ने किनारा कर लिया हो
और मै सपने लिए समुद्र किनारे बैठ
कर रही हूँ प्रतीक्षा कि शायद समुद्र की लहरों सी
खुशियां मेरे मन के किनारे को प्रक्षालित करेंगी कभी
देख लहरो को किनारे से मिलते हुए मन मे भाव उठे
कि काश खुशियों की लहरें आये मेरे जीवन मे ओर
किनारा कर जाए सारे दुख मेरे जीवन से
लहरों के प्रचण्ड आवेग को समुद्र किनारे सह लेते हैं
वैसे ही जैसे मैं मन के ज्वार को दबाने की कोशिश में
दूर तक समुद्र किनारे को निहार न जाने कितने
प्रश्नों का ज्वारभाटा सा उफनता हैं भीतर मेरे
क्या कभी मेरे साथ मेरे मन के भावों को पढ़ पाओगे
क्या मेरे प्रश्नों रूपी साहिल को समुद्र रूपी
किनारों का अहसास मात्र भी हो पायेगा
कब तक मैं निहारती रहूंगी किनारों को
डॉ मंजु सैनी
गाजियाबाद

Language: Hindi
1 Like · 123 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Manju Saini
View all

You may also like these posts

कोई अपना
कोई अपना
Dr fauzia Naseem shad
वक्त के संग हो बदलाव जरूरी तो नहीं।
वक्त के संग हो बदलाव जरूरी तो नहीं।
Kumar Kalhans
परीक्षा काल
परीक्षा काल
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
जिम्मेदारी बड़ी या सपने बड़े,
जिम्मेदारी बड़ी या सपने बड़े,
Kanchan Alok Malu
प्रेम कब, कहाँ और कैसे ख़त्म हो जाता है!
प्रेम कब, कहाँ और कैसे ख़त्म हो जाता है!
पूर्वार्थ
■ मारे गए गुलफ़ाम क़सम से मारे गए गुलफ़ाम😊
■ मारे गए गुलफ़ाम क़सम से मारे गए गुलफ़ाम😊
*प्रणय*
उड़ने दे मुझे
उड़ने दे मुझे
सोनू हंस
डमरू वर्ण पिरामिड
डमरू वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
ऋतुराज (घनाक्षरी )
ऋतुराज (घनाक्षरी )
डॉक्टर रागिनी
राष्ट्र सेवा के मौनव्रती श्री सुरेश राम भाई
राष्ट्र सेवा के मौनव्रती श्री सुरेश राम भाई
Ravi Prakash
जय बोलो मानवता की🙏
जय बोलो मानवता की🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
3706.💐 *पूर्णिका* 💐
3706.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
वक्त काटना चाहो
वक्त काटना चाहो
Sonam Puneet Dubey
वो ठहरे गणित के विद्यार्थी
वो ठहरे गणित के विद्यार्थी
Ranjeet kumar patre
शीर्षक - पानी
शीर्षक - पानी
Neeraj Agarwal
विश्वास की डोर
विश्वास की डोर
कार्तिक नितिन शर्मा
നിശാഗന്ധി.
നിശാഗന്ധി.
Heera S
बेपरवाह
बेपरवाह
Omee Bhargava
अच्छा हृदय और अच्छा स्वभाव दोनों आवश्यक है वो इसलिए क्योंकि
अच्छा हृदय और अच्छा स्वभाव दोनों आवश्यक है वो इसलिए क्योंकि
ललकार भारद्वाज
- वीर शिरोमणी मंडोर प्रधान राव हेमाजी गहलोत -
- वीर शिरोमणी मंडोर प्रधान राव हेमाजी गहलोत -
bharat gehlot
पूछ1 किसी ने हम से के क्या अच्छा लगता है.....आप
पूछ1 किसी ने हम से के क्या अच्छा लगता है.....आप
shabina. Naaz
कविता का अर्थ
कविता का अर्थ
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हम जैसे है वैसे ही हमें स्वयं को स्वीकार करना होगा, भागना नह
हम जैसे है वैसे ही हमें स्वयं को स्वीकार करना होगा, भागना नह
Ravikesh Jha
"धरती गोल है"
Dr. Kishan tandon kranti
हम जंग में कुछ ऐसा उतरे
हम जंग में कुछ ऐसा उतरे
Ankita Patel
एक कवि की कविता ही पूजा, यहाँ अपने देव को पाया
एक कवि की कविता ही पूजा, यहाँ अपने देव को पाया
Dr.Pratibha Prakash
ग़म के सागर में
ग़म के सागर में
SATPAL CHAUHAN
तहरे प सब कुरबान करऽतानी
तहरे प सब कुरबान करऽतानी
आकाश महेशपुरी
प्रगति पथ पर बढ़ते जाओ
प्रगति पथ पर बढ़ते जाओ
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...