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15 Oct 2021 · 1 min read

शीर्षक:आखिर क्यों नही?

शीर्षक:आखिर क्यों नही?
क्यो नही……?
क्यो एक औरत मस्जिद की मौलाना नहीं बन सकती,
क्यो मंदिर की मुख्य पुजारी नहीं बन सकती और
क्यो चर्च की पादरी नहीं बन सकती मगर।
क्यो नही……?
क्या कभी सोचा है आखिर क्यों..?
एक औरत राज्यपाल, कलेक्टर, सचिव,
विधायक, सांसद, मंत्री, मुख्यमंत्री,
प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति आदि सब बन सकती है।
क्यो नही…?
क्या कभी सोचा है आखिर क्यों…?
जो अधिकार धर्म न दे सका वो
अधिकार संविधान में महिलाओ को दिए है
उठो नारी पहचानो अपने को ओऱ आओ
जो हम नही बन सकती वो बनने का प्रयास करे।
क्यो नही…?
क्या कभी सोचा हैं आखिर क्यों…?
मैने कोशिश की है अपनी मां को कंधा दे
शमशान तक ले जाने और अंतिम संस्कार करने की
आप सब भी आगे बढ़े और अपनी पहचान बनाए खुद।
क्यो नही…?
क्या कभी सोचा है आखिर क्यों…?
क्यो न आज से प्रण ले और पहचान बनाए अपनी
खुद की अपनी शक्ति की अपने विश्वास की
जय बेटियों की,जय नारी शक्ति।
क्यो नही…?

Language: Hindi
225 Views
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