शिष्टाचार एक जीवन का दर्पण । लेखक राठौड़ श्रावण सोनापुर उटनुर आदिलाबाद
शिष्टाचार तो सबसे प्यार
शिष्टाचार से विनम्र व्यवहार ।
गुण उनके तिन प्रकार
नहीं तो जीवन पुरा अंदकार ।
ममता करुणा रखो अपार
पर होरहा है अत्याचार ।
छोटे बडे पर करो विचार
समाज जिवन का हुआ उधार ।
माता पिता बड़ों का आदर
शिष्टा आचरण ही शिष्टाचार ।
दुसरें के प्रति अच्छा व्ववहार
मिलता उसे जीवन में सत्कार।
सफलता की कुंजी शिष्टाचार
विजय प्राप्त का है ये आधार।
समता ममता अच्छा सुधार
समाज में उनका जै जै कार ।
…….राठौड़ श्रावण हिंदी प्रध्यापक साशकिय कनिष्ठ माहाविध्यालय इंद्रवेल्लि आदिलाबाद तेलंगाना