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15 Feb 2024 · 1 min read

!! शिव-शक्ति !!

•• काशी नगरी त्रिशूल धरे
शशि माथे पर मुस्कान भरे

गंगाजी जटा से बहें झर-झर
जग के जैसे, सब पाप हरे

विष रोक हलाहल ग्रीवा में
‘प्रभु’ देवन के उद्धार करें

कर बजा रहे डमरू डम-डम
विषधर को गले का हार धरे

प्रभु सांवरी सी मुख मण्डल पर
अनगिनत बिजुरी प्रकाश परे

शिव-शक्ति विवाह की बेला पर”चुन्नू”
शिव चरणों को सिर-माथे धरे

•••• कलमकार ••••
चुन्नू लाल गुप्ता – मऊ (उ.प्र.)

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