शिव महिमा
********* शिव महिमा (दोहे) *********
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शिव महिमा का तान से,करो सदा गुणगान।
अंधकार दुख-दर्द का, होता रहे निदान।।
शिव शंकर की आरती,जो जन गाए रोज।
मन की इच्छा पूर्ण हो , प्रभु की पूर्ण खोज।।
जय जय भोलेनाथ तू , तेरी कीर्ति अपार।
वास करे कैलाश पर , सिर पर गंगा धार।।
भरा हुआ है क्रोध से , रौद्र रूप विनाश।
जब धरा पर पाप बढ़ा, किया ज्ञान प्रकाश।
मनसीरत पूजा करे , अंतर्मन कर ध्यान।
बाल तनिक बांका न हो,बढ़ता मान सम्मान।।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)