शिवाले
शिवाले रोज जाना है
उसे अपना बनाना है
भजन उसका हमेशा कर
सुगम कारज बनाना है
करे कैसे शिकायत हम
गुजर उसमें चलाना है
उसी की फैलती माया
जहाँ सारा ढका सा है
सदा ही तुम पूजो इन्सां
असीमे तत्व उसका है
करे उसको नमस्ते हम
वही जीवन संभाला है
पकड़ कर डोर सबको ही
नचाता आज भगवां है