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19 Aug 2021 · 1 min read

शिवाले

शिवाले रोज जाना है
उसे अपना बनाना है

भजन उसका हमेशा कर
सुगम कारज बनाना है

करे कैसे शिकायत हम
गुजर उसमें चलाना है

उसी की फैलती माया
जहाँ सारा ढका सा है

सदा ही तुम पूजो इन्सां
असीमे तत्व उसका है

करे उसको नमस्ते हम
वही जीवन संभाला है

पकड़ कर डोर सबको ही
नचाता आज भगवां है

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