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9 Jan 2020 · 1 min read

शिक्षामित्रों की पीड़ा (चौपाई )

इतना मत हमको तड़पाओ
थोड़ा हम पे रहम दिखाओ
सालों तक दी है कुर्बानी
मिला बुढ़ापा गई जवानी

पहले दिन जब खोला ताला
ध्यान रहे बोले थे लाला
बच्चों मे तुम घुल मिल जाना
शिक्षण मे ही मन को लगाना

बात तभी से उनकी मानी
किया कभी ना आनाकानी
छोड़ इसे मैं क्यों ना भागा
देखो अब मैं बना अभागा

बाइस सौ ही पहला पाया
शिक्षण को ही मन मे बसाया
सालों हम से काम कराया
अपना पैसा खूब बचाया

तुमने ऐसा जाल बिछाया
मछली जैसा हमें फसाया
मिलन लगे जब पैसे पूरा
देख हुआ संसार धतूरा

तुमने वादा खूब निभाया
बीच नदी ला हमें डुबाया
ये कैसा इनाम तुम्हारा
छीन लिया अधिकार हमारा

शिक्षामित्रों की है ये पीड़ा
कोई उठाए ना अब बीड़ा
मांगे “जटा” तुमसे विधाता
भर दो झोली अब तो दाता

जटाशंकर “जटा”
०९-०१-२०२०

Language: Hindi
5 Likes · 4 Comments · 1152 Views
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