शिक्षक
अज्ञान अँधेरा दूर करे जो,
ज्ञानांजन बढाता है,
गुरु का दर्ज़ा इस जग में,
सबसे ऊँचा होता है,
गुरु बिन ज्ञान नहीं संभव,
वह ही राह दिखाता है,
इसीलिये इस धरती पर,
गुरु ही भाग्य विधाता है,
माता पिता से बढ़कर गुरु का,
एसा अद्भुत नाता है,
गुरु नहीं जिसके जीवन में,
वह नर ही पछताता है ,
भाव सागर को पार कराकर,
मुक्ति मार्ग दिखाता है,
इसलिए इस जग में गुरु महान कहलाता है