शिक्षक दिवस
शिक्षक दिवस
बालक के जीवन में माता-पिता के बाद अध्यापक का स्थान आता है।
प्यार का पाठ बालक अपनी मां से सीख कर आता है।
आज्ञापालन पिता बच्चों से करवाता है;
पर एक टीचर ही है जो ज्ञान का दीपक बालक के मन में जलाता है।
अज्ञानता को दूर भगाता है;
शीशे जैसा निर्मल स्वरूप बनाता है।
एक साधारण सा दिखने वाला टीचर आपको प्रगति पथ पर अग्रसर करवाता है।
खुद वहीं रुक जाता है पर अपने बच्चों को डॉक्टर, इंजीनियर, एस्ट्रोनॉट बनाता है।
खुद वह सदा टीचर ही कहलाता है।
जिंदगी का पाठ हमें प्रकृति का हर जीव सिखलाता है;पर हमारी समझ का विकास एक अच्छा टीचर ही कर पाता है।
वह आपको आपकी ताकत से मिलवाता है।
कमियों को कैसे पावर बनाना है; यह भी वही सिखलाता है।
टीचर का अनुभव भी आपके जीवन में आगे बढ़ने के बहुत काम आता है; इसीलिए तो 5 सितंबर को टीचर डे मनाया जाता है।