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18 Feb 2023 · 1 min read

शायरी संग्रह नई पुरानी शायरियां विनीत सिंह शायर

मुँह फेर कर उसकी गली से गुज़रते हो
मिजाज़ में इतनी सख़्ती भी ठीक नहीं है

हम कह रहे हैं आदमी ये धोकेबाज़ है
हमसे ज़ियादा हमको नहीं जानती हैं आप

दुनियाँ ने कर दी है आगाज़ ए बग़ावत
क्यों देर है फिर आप भी पत्थर उठाइए

आप के रहते हमें किस की ज़रुरत थी भला
आया ख़ुदा भी याद हमें आपके जाने के बाद

जमाना दे रहा है हमारी इश्क़ की मिसाल
शायद किसी ने हम को लड़ते नहीं देखा

~विनीत सिंह शायर
Vinit Singh Shayar

Language: Hindi
207 Views
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