Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jun 2024 · 1 min read

“शायद”

“शायद”
शायद ये दुनिया ही
मुश्किलों का घर है,
सदा से समस्याएँ ही
यहाँ अजर-अमर हैं।

3 Likes · 2 Comments · 111 Views
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all

You may also like these posts

विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
एक-दूसरे के लिए
एक-दूसरे के लिए
Abhishek Rajhans
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रदीप माहिर
👍👍
👍👍
*प्रणय*
तबियत बदलती है
तबियत बदलती है
Kunal Kanth
हिम्मत हारते है जो
हिम्मत हारते है जो
Vaishaligoel
रूप मनोहर श्री राम का
रूप मनोहर श्री राम का
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
" दिल की समझ "
Yogendra Chaturwedi
नशा रहता है इस दर्द का।
नशा रहता है इस दर्द का।
Manisha Manjari
सुन लिया करो दिल की आवाज को,
सुन लिया करो दिल की आवाज को,
Manisha Wandhare
मन का भाव
मन का भाव
Mahesh Jain 'Jyoti'
वक़्त
वक़्त
shreyash Sariwan
दोय चिड़कली
दोय चिड़कली
Rajdeep Singh Inda
"मैं नारी हूँ"
Dr. Kishan tandon kranti
जीवन सबका एक ही है
जीवन सबका एक ही है
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Dr. Sunita Singh
Humanism : A Philosophy Celebrating Human Dignity
Humanism : A Philosophy Celebrating Human Dignity
Harekrishna Sahu
मिले हम तुझसे
मिले हम तुझसे
Seema gupta,Alwar
संवेदना
संवेदना
Namita Gupta
*मन  में  पर्वत  सी पीर है*
*मन में पर्वत सी पीर है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ज्यादा खुशी और ज्यादा गम भी इंसान को सही ढंग से जीने नही देत
ज्यादा खुशी और ज्यादा गम भी इंसान को सही ढंग से जीने नही देत
Rj Anand Prajapati
4606.*पूर्णिका*
4606.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हादसों का बस
हादसों का बस
Dr fauzia Naseem shad
*Near Not Afar*
*Near Not Afar*
Poonam Matia
वंश वृक्ष
वंश वृक्ष
Laxmi Narayan Gupta
बन जाना तू इस दिल की मलिका,
बन जाना तू इस दिल की मलिका,
Ajit Kumar "Karn"
शिक्षक सम्मान में क्या खेल चला
शिक्षक सम्मान में क्या खेल चला
gurudeenverma198
*अपने पैरों खड़ी हो गई (बाल कविता)*
*अपने पैरों खड़ी हो गई (बाल कविता)*
Ravi Prakash
हर बला से दूर रखता,
हर बला से दूर रखता,
Satish Srijan
जीवन है परिवर्तनशील
जीवन है परिवर्तनशील
महेश चन्द्र त्रिपाठी
Loading...