Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 May 2023 · 1 min read

शायद वो सिर्फ एक सपना ही होगा

मंदिर की सीढ़ी पर शांति को पाना
राहगीरों को शीतल जल पान कराना
उस मिटटी का क़र्ज़ उतारने
एक बार मुझे मेरा बचपन दे जाना

बरगद के बेलो पे निर्भीक झूल जाना
पीड़ा व चिंता को यु ही भूल जाना
सेवा निबृत्ति के समय की योजना बनाना
कोई मेरे घर मेरा सन्देश ले जाना

भय के बादल मे विमान उड़ाना
माया चक्र भेदने अभिमन्यु बन जाना
स्वयं के मन को कारागार बनाना
बस हो चूका सपनो का संसार बसाना

कहेगा अब न लौटूंगा मैं यहाँ से
करके सुभगता से स्पर्श सभी जन को
क्या मन्नू अपने गांव पहुंचकर,
समझा पायेगा अपने जीवंत मन को

साकार ये सब प्रतीत होने लगा है
समय पटल पर मेरे किये उत्कीर्णन
सभी आलेखों को अब बिखरना ही होगा
शायद वो सिर्फ एक सपना ही होगा

Language: Hindi
1 Like · 1225 Views

You may also like these posts

काव्य_दोष_(जिनको_दोहा_छंद_में_प्रमुखता_से_दूर_रखने_ का_ प्रयास_करना_चाहिए)*
काव्य_दोष_(जिनको_दोहा_छंद_में_प्रमुखता_से_दूर_रखने_ का_ प्रयास_करना_चाहिए)*
Subhash Singhai
शिव स्तुति
शिव स्तुति
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
सत्य तो सीधा है, सरल है
सत्य तो सीधा है, सरल है
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
मौतों से उपजी मौत
मौतों से उपजी मौत
Dr MusafiR BaithA
डमरू वर्ण पिरामिड
डमरू वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
शख्सियत ही कुछ ऐसी है,
शख्सियत ही कुछ ऐसी है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मोह की मिट्टी ----
मोह की मिट्टी ----
Shally Vij
दिल तो ठहरा बावरा, क्या जाने परिणाम।
दिल तो ठहरा बावरा, क्या जाने परिणाम।
Suryakant Dwivedi
शानदार सड़क भोजन
शानदार सड़क भोजन
Otteri Selvakumar
शीर्षक - नागपंचमी....... एक प्रथा
शीर्षक - नागपंचमी....... एक प्रथा
Neeraj Agarwal
" बंदिशें ज़ेल की "
Chunnu Lal Gupta
वो इँसा...
वो इँसा...
'अशांत' शेखर
गरीबी की उन दिनों में ,
गरीबी की उन दिनों में ,
Yogendra Chaturwedi
2662.*पूर्णिका*
2662.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
* सुखम् दुखम *
* सुखम् दुखम *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
।
*प्रणय*
सुन पगली
सुन पगली
जय लगन कुमार हैप्पी
When nothing works in life, keep working.when everything see
When nothing works in life, keep working.when everything see
पूर्वार्थ
कितना खाली खालीपन है !
कितना खाली खालीपन है !
Saraswati Bajpai
शीर्षक-तुम मेरे सावन
शीर्षक-तुम मेरे सावन
Sushma Singh
ग़ज़ल _ मैं रब की पनाहों में ।
ग़ज़ल _ मैं रब की पनाहों में ।
Neelofar Khan
प्रण होते है
प्रण होते है
manjula chauhan
किसी को किसी से फ़र्क नहीं पड़ता है
किसी को किसी से फ़र्क नहीं पड़ता है
Sonam Puneet Dubey
*बदल सकती है दुनिया*
*बदल सकती है दुनिया*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
साजे दिल तोड़ के आवाज़ की बातें न करो
साजे दिल तोड़ के आवाज़ की बातें न करो
Kanchan Gupta
सादगी
सादगी
Manisha Bhardwaj
जब जब तेरा मजाक बनाया जाएगा।
जब जब तेरा मजाक बनाया जाएगा।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
- आजकल के रिश्ते व रिश्तेदार -
- आजकल के रिश्ते व रिश्तेदार -
bharat gehlot
POWER
POWER
Satbir Singh Sidhu
अनुभूति...
अनुभूति...
ओंकार मिश्र
Loading...