शापित पुष्प
कुछ सुंदर पुष्प
सुवासित होते हैं ।
कुछ केवल दिखने
में ही सुंदर होते हैं । ।
कुछ सुंदर होकर
दुर्गन्धों के दायी हैं ।
कुछ ने घ्रणित भाव
की उपमा पायी है ।।
कुछ इसीलिए पग
से नित रोंदे जाते है ।
वो फूलों सा सम्मान
कभी न पाते हैं ।।
उनके अंदर तृष्णा
की नदियां बहती है ।
ऊपर से खिले
आत्मा रोती रहती है ।।
अपूर्णता की कमी
सदा ही खलती है ।
उथले पानी में जैंसे
नाव न चलती है ।।
लघु मापों से ये
सदा ही मापित होते हैं ।
ये अपने ही कर्मों से
शापित होते हैं ।।