“शाख का पत्ता”
“शाख का पत्ता”
शाख का पत्ता
टूटने से पहले स्वीकारता है
कि जुड़े रहना लोभ है
अलग होना ही मुक्ति है।
शाख का पत्ता
टूटने से पहले सोचता है
कि सबका यही गत्य है
मिट्टी में मिलना अन्तिम सत्य है।
“शाख का पत्ता”
शाख का पत्ता
टूटने से पहले स्वीकारता है
कि जुड़े रहना लोभ है
अलग होना ही मुक्ति है।
शाख का पत्ता
टूटने से पहले सोचता है
कि सबका यही गत्य है
मिट्टी में मिलना अन्तिम सत्य है।